डेंगू में प्लेटलेट्स हुई कम, उम्मीद ख़त्म लेकिन टेंडर पॉम के डॉक्टरों ने बचाई जान

डेंगू में प्लेटलेट्स हुई कम, उम्मीद ख़त्म लेकिन टेंडर पॉम के डॉक्टरों ने बचाई जान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले की ऊंचाहार निवासी प्रियंका गंभीर हालत में टेंडर पॉम अस्पताल पहुंची। जिस वक्त वो यहां आई, उन्हें तेज बुखार था। डेंगू में प्लेटलेट्स कम होने का डर था। साथ ही उन्हें ठंड लगना, कई बार उल्टियाँ, पेट दर्द के अलावा ठीक से खाना न खा पाना और बहुत ज्यादा कमजोरी भी थी। प्रियंका शॉक में थीं। वो ठीक से बोल भी नहीं पा रही थी।

डेंगू में प्लेटलेट्स काउंट कम

सबसे पहले टेंडर पॉम अस्पताल में इमरजेंसी में एडमिट होते ही प्रियंका का डेंगू की जांच के लिए एंटीजन ब्लड टेस्ट (एनएस 1) किया गया। डेंगू के प्रकार का पता चला, साथ ही जांच में पता चला कि प्रियंका के थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के कारण प्लेटलेट काउंट काफी कम हो गया था। दरअसल, थ्रोम्बोसाइटोपेनिया एक चिकित्सीय स्थिति है, जिसमें आपके शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या औसत से कम हो जाती है। इसके मरीजों में आसान या अत्यधिक रक्तस्राव, मूत्र या मल में रक्त, अत्यधिक थकान और घाव वाली जगह से लंबे समय तक रक्तस्राव दिखाई देता है।

हालांकि, टेंडर पाम हॉस्पिटल में मेडिकल डायरेक्टर और फिजिशियन डॉ. विनीत शुक्ला और अनुभवी एनेस्थिसियोलॉजिस्ट और इंटेंसिविस्ट डॉ. समीर मिश्रा के इलाज और यहां की नर्सिंग स्टाफ की देखभाल के चलते प्रियंका अगले ही दिन से इंप्रूव करने लगीं। प्रियंका का प्लेटलेट्स काउंट बढ़ने लगा, जिससे उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हुआ।

प्रियंका ने खुशी जताते हुए कहा कि, मैं यहां बहुत गंभीर हालत में एडमिट हुई थी। मुझे उम्मीद नहीं थी कि, मैं इतनी जल्दी ठीक हो जाऊंगी, टेंडर पॉम में मुझे अच्छा इलाज दिया गया, मेरा प्लेटलेट काउंट अब ठीक है। प्रियंका ने धन्यवाद देते हुए कहा कि, नर्सिंग स्टाफ ने हमारी अच्छी देखभाल की। मैं अब बेहतर महसूस कर रही हूं।

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