लखनऊ। यूपी में सुल्तानपुर के धम्मौर गांव निवासी रामचंद्र कश्यप जिस वक्त टेंडर पॉम अस्पताल आए, बहुत तकलीफ में थे। उन्हें तीन फ्रैक्चर हुए थे। दरअसल, सड़क दुर्घटना में रामचंद्र की रीढ़, पैर और कलाई की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया था।
रामचंद्र ने बताया, ‘मेरा एक्सीडेंट हो गया था, जिसके कारण मेरी कलाई, रीढ़ की हड्डी और पैर की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया था। मैंने ठीक होने की उम्मीद छोड़ दी थी। लेकिन मेरे भांजे ने मुझे टेंडर पॉम हॉस्पिटल का पता बताया, जहाँ मैंने कंसल्टेंट आर्थोपेडिक्स और स्पाइन सर्जन डॉ. सिद्धार्थ तिवारी से परामर्श लिया। उन्होंने मुझे यहां एडमिट होने की सलाह दी, जिसके बाद मेरी जांच की गयी।
तीन फ्रैक्चर का समुचित इलाज
एक्स-रे और सीटी स्कैन में पता चला कि, डी3 रीढ़ की हड्डी में, शाफ़्ट टिबिया में, डिस्टल रेडियस में फ्रैक्चर हो गया है। जिसके बाद डॉ. सिद्धार्थ तिवारी ने डोरसल स्पाइन फिक्सेशन एंड डिकंप्रेशन, डिस्टल रेडियस की ओआरआईटी और टिबिया की सीआरआईएफ सर्जरी की। इस ऑपरेशन में लगभग 6 से 7 घंटे का समय लगा।
वहीं अब ऑपरेशन के कुछ दिन बाद मैं आसानी से बैठ पा रहा हूं। मुझे उम्मीद नहीं थी कि, इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद इतनी जल्दी बैठने और कलाई का प्रयोग करने में सक्षम हो पाऊंगा। लेकिन टेंडर पॉम अस्पताल में कंसल्टेंट आर्थोपेडिक्स, स्पाइन सर्जन डॉ. सिद्धार्थ तिवारी के बेहतरीन इलाज और टेंडर पॉम अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ की देखभाल की वजह से मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं। अब मुझे आराम हैं काफी बेहतर लग रहा है।
तीन फ्रैक्चर का पता ही नहीं था
इस बारे में स्पाइन सर्जन डॉ. सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि सुल्तानपुर के रामचंद्र कश्यप का केस जटिल था। उन्हें प्राथमिक उपचार पूरी तरह से नहीं मिला, जिसका बाद में हुई जांच में खुलासा हुआ। हमें पता चला कि पैर और कलाई में ही नहीं, बल्कि रीढ़ में भी फ्रैक्चर हुआ है, जिसकी वजह से वो चल नहीं पा रहे थे। शरीर के निचले हिस्से में किसी तरह की गतिविधि का अनुभव नहीं कर पा रहे थे। फिर इन तीन फ्रैक्चर का सही इलाज किया गया और अब वे स्वस्थ हैं।