टेंडर पॉम हॉस्पिटल में हुआ घुटने का जटिल ऑपरेशन

टेंडर पॉम हॉस्पिटल में हुआ घुटने का जटिल ऑपरेशन

लखनऊ। राजधानी लखनऊ के प्रसिद्ध टेंडर पॉम सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (Tender Palm Hospital) में 60 साल के बुजुर्ग के घुटने का जटिल ऑपरेशन किया गया है। इस मामले में मरीज को डेढ़ साल पहले हुए सड़क हादसे में पैर में गंभीर चोट आई थी। तत्काल समुचित इलाज नहीं मिल पाने के कारण उनका पैर काटने की स्थिति बन गयी थी, लेकिन टेंडर पॉम हॉस्पिटल (Tender Palm Hospital) के हड्डी रोग विभाग के विशेषज्ञ (आर्थो स्पाइन सर्जन) डॉ. सिद्धार्थ तिवारी ने पूरे मामले की पेचीदगी समझते हुए मरीज का ऑपरेशन किया, जो पूरी तरह सफल रहा। डॉ. सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि ऐसा सफल ऑपरेशन लखनऊ में बहुत कम देखने को मिलता है। किसी निजी अस्पताल में ऐसा ऑपरेशन पहली बार किया गया है।

टेंडर पॉम हॉस्पिटल में मिला इलाज

बिहार के रहने वाले मरीज जगदीश ने बताया, ‘डेढ़ साल पहले मेरी जिंदगी पूरी तरह बदल गयी थी। उस एक्सीडेंट ने मुझे असहाय बना दिया था। मेरे पास न कोई काम करने की शक्ति बची थी, न ही परिवार को ठीक से चलाने की हिम्मत। फिर एक्सीडेंट के बाद जानकारी के अभाव में सही तरह से इलाज न मिल पाने से मुझे लगने लगा था कि अब मुझे कभी अपने पैरों पर खड़े होने का मौका नहीं मिल पाएगा।’ उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप में हमारा परिवार कमजोर हो चूका था, तभी किसी ने लखनऊ के टेंडर पॉम हॉस्पिटल के बारे में बताया। लेकिन डर था कि ऐसा महंगा इलाज कैसे करवा पाएंगे। पर जब डॉ. सिद्धार्थ तिवारी से मिले और टेंडर पॉम हॉस्पिटल की सेवाएं देखीं, तो मन से सभी डर ख़त्म हो गए।

वापस अपने पैरों पर खड़े हुए जगदीश

अब मैं खड़ा हो पा रहा हूँ, चलने लगा हूँ और जल्द ही बिना सहारे के चलूँगा और वापस नया काम शुरू करके ज़िंदगी को वापस पटरी पर लाऊंगा।

मरीज जगदीश ने कहा कि इलाज के बाद अब मैं खड़ा हो पा रहा हूँ, चलने लगा हूँ और जल्द ही बिना सहारे के चलूँगा और वापस नया काम शुरू करके ज़िंदगी को वापस पटरी पर लाऊंगा। इस बारे में टेंडर पॉम हॉस्पिटल (Tender Palm Hospital) के डॉ. सिद्धार्थ तिवारी ने बताया, ‘जब जगदीश मेरे पास आए थे, तो उनकी स्थिति बहुत गंभीर थी। शुरुआती रिपोर्ट्स देखकर ऐसा लग रहा था कि पैर को काटने के सिवाय कोई विकल्प नहीं। असल में एक्सीडेंट में मरीज जगदीश के घुटने के ऊपर जांघ की हड्डी टूट गई थी। बिहार में ही एक बार उनका ऑपरेशन हुआ, जिसमें बाहर से शिकंजा लगाया गया, जिसके दो महीने बाद शिकंजे को हटाकर प्लेट लगाई गयी।’

पहले नहीं मिला था सही इलाज

डॉ. सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि जब जगदीश मेरे पास आए तो जाँच कराई गयी, जिसमें पता चला कि उनकी टूटी हड्डी पूरी तरह ख़राब हो चुकी है और घुटना भी किसी लायक नहीं रह गया है। फिर हमारी टीम ने बेहद जटिल एलपीएस विधि (लिंब प्रिजर्वेशन सिस्टम) द्वारा जगदीश का इलाज करने की ठानी। इसमें मरीज का घुटना रिप्लेस किया गया और जांघ की 20 सेंटीमीटर की फीमर हड्डी को भी बदला गया और ऑपरेशन के एक महीने बाद अब जगदीश चलने लगे हैं। उनका घुटना 90 डिग्री तक मुड़ने भी लगा है। जल्दी ही वे एक सामान्य जीवन जीने लगेंगे। सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि ऐसे ऑपरेशन बहुत कम देखने को मिलते हैं। 60 वर्ष की उम्र में ऐसा ऑपरेशन सफलतापूर्वक होना उत्साहित करने वाला है।

(Tender Palm Hospital)

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